श्री भरत मन्दिर के परिक्रमा मार्ग के दक्षिण पाश्र्व में अधस्थल में स्थित शिव मन्दिर को पातालेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। हृषीकेश के पांच महत्त्वपूर्ण शिव मन्दिरों में से यह मन्दिर भी एक है।
इस मन्दिर के पृष्ठ भाग में पुरातत्व विभाग द्वारा गहराई तक खुदाई की गई, किन्तु मन्दिर की आधार भूमि अत्यधिक नीचे होने के कारण यह कार्य रोक दिया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि शैव-वैष्णव सम्प्रदाय में समन्वय के प्रतीक रुप में हृषीकेश नारायण के साथ ही शिव के प्रतीक रुप में यह शिव मन्दिर स्थापित किया गया है। शिव पुराण में पातालेश्वर महादेव का अत्यन्त महात्म्य बताया गया है।
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